जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जिले में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तेज होते ही संभावित प्रत्याशियों ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। चुनाव को लेकर सत्ताधारी भाजपा पार्टी पर ही सभी की निगाह डटी हुई है। सीटों पर आरक्षण को लेकर भी रणनीतिकारों की निगाह लगी हुई है ​कि किस सीट पर आरक्षण होने से किस नेता के समीकरण बिगड़ेंगे और बनेंगे। अब सभी की नजर है कि चुनाव का मुख्य रणनीतिकार या सूत्रधार कौन बनेगा, लेकिन सभी की नजर पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर टिकी हुई है कि वे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि पार्टी के ऐसे दगाबाज नेता भी परिक्रमा करने में लगे हुए हैं, जिन्होंने पार्टी के कई प्रत्याशियों को हराने में भूमिका निभाई।
हरिद्वार जनपद में जिला पंचायत के साथ ग्राम प्रधान और बीडीसी का चुनाव मई महीने तक होने की उम्मीद है। इसके लिए तीनों सीटों के लिए आरक्षण के लिए प्रक्रिया चल रही है। लेकिन चुनाव मैदान में उतरने वाले जिला पंचायत के सदस्य और ब्लॉक प्रमुख के लिए तैयारी कर रहे नेताओं की धड़कन तेज हो गई है। क्योंकि उन्हें लगता है कि कही उनकी सीट का आरक्षण खेल समाप्त न दें। इसके लिए आकाओं के चक्कर काट रहे हैं।
हरिद्वार जनपद में भाजपा, कांग्रेस और बसपा के विधायकों के निर्वाचित होने से तीनों ही पार्टी तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस में तो इस समय कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आ रहा हैं, लेकिन बसपा में पूर्व चेयरमैन चौधरी राजेंद्र सिंह, विधायक शहजाद और चौधरी रविंद्र सिंह पनियाला मैदान में है और तीनों ही पंचायत के रणनीतिकार है। अब भाजपा की बात करें तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी होने के चलते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद पर सभी की निगाह टिकी हुई है और संभावित प्रत्याशी उनकी परिक्रमा कर रहे हैं। स्वामी यतीश्वरानंद के पास कुछ ऐसे गददार नेता भी चक्कर काट रहे हैं जोकि चुनाव में भाजपा के खिलाफ काम कर रहे थे, उन्होंने या तो कांग्रेस का साथ दिया या बहुजन समाज पार्टी का। लेकिन पार्टी की रीतियों एवं नीतियों में बंधकर सभी की सुनी जा रही है।