संजय चौधरी, ब्यूरो
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जनपद में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही हुई। पानी के तेज बहाव से तपोवन डैम बहने से जनहानि की भी सूचना आई। ग्लेशियन चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपर वाली गली से पास टूटा। इससे यहां पावर प्रोजेक्ट ऋषि गंगा को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही धौलीगंगा ग्लेशियर की तबाही से तपोवन डैम को भारी नुकसान हुआ है। मौके पर एसडीआरएफ की दस टीमें मौके पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पूरी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1070 या 9557444486 जारी किए हैं।
जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से पानी 300 फीट की उंचाई तक बहता हुआ निकला। एकदम से इतना तेज बहाव आया कि विष्णु प्रयाग पुल जो कि धरात से 300 फीट उंचा है, उसे छूते हुए पानी बहा। ग्लेशियर टूटने के बाद हालात का जायजा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन, डीआईजी नीरू गर्ग ने हेलीकॉप्टर से लिया। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि चमोली तक पहुंचते—पहुंचते पानी की तीव्रता बहुत कम हो गई है। हालांकि मानव क्षति के नुकसान का पता लगाया जा रहा है। रीवर राफटिंग के साथ अन्य निर्माण कार्यों को बंद करा दिया है। टीहरी बांध का पानी बंद करने और श्रीनगर का पानी खोलने के निर्देश दिए गए हैं। बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल के अनुसार नंदादेवी ग्लेशियर से तपोवन की ओर होते हुए मैदानी क्षेत्रों के लिए आ रहा है। इससे तपोवन का डैम बह गया है। सूचना आते ही हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट करते हुए निचले इलाकों को खाली करा लिए। आपदा प्रबंधन विभाग ने मोर्चा संभाल लिया हैं। पुलिस, प्रशासन जनता को सुरक्षित बचाने के कार्य में जुट गया। वहीं, ग्लेशियर टूटने की खबरों के आने से समूचे उत्तराखंड के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा में दहशत फैल गई है।
एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने भी आम जनमानस को अलर्ट किया है। उन्होंने सूचित करते हुए अवगत कराया है कि जनपद चमोली स्थित तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को काफी क्षति पहुंची है, जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, ज़िस कारण नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है जल्दी से जल्दी सुरक्षा की दृष्टि से स्वयं व परिवार के साथ सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं व साथ ही आसपास के लोगों को भी सचेत करें।
