जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। चंपावत उप चुनाव में हरिद्वार विधानसभा के भाजपा के नेताओं की नो एंट्री है। बड़े नेता पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चुनाव हराने का आरोप तो कुछ नेताओं पर चुनाव हारने के बावजूद मुख्यमंत्री बनाए जाने का विरोध करने का आरोप है। यदि ऐसा नेता चुनाव चंपावत विधानसभा में मुख्यमंत्री को मुहं दिखाने के लिए चले भी जाते हैं तो उन्हें कोई त्वज्यो नहीं मिलती है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा विधानसभा चुनाव हराने के लिए भाजपा के कई नेताओं पर आरोप लगे। आरोप थे कि कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी की आर्थिक मदद करते हुए कुछ उपद्रवियों नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया। मुख्यमंत्री के चुनाव हारने की भी खुशी मनाई गई। धामी के चुनाव हारने पर उन्हें उम्मीद थी कि उनका नेता मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने धामी पर विश्वास जताया और माना कि उनके नेतृत्व में पार्टी को बहुमत मिला। जिसका धामी को मुख्यमंत्री बनाकर ईनाम दिया गया। पूरे प्रदेश में धामी को मुख्यमंत्री बनाने का जश्न मना, लेकिन एक विधानसभा हरिद्वार ऐसी थी जिसमें धामी के मुख्यमंत्री बनने की खुशी के बजाय मुर्दाबाद के नारे लगा दिए गए।

अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चंपावत विधानसभा से चुनाव मैदान में उतरे हैं तो वहां पर हरिद्वार विधानसभा के नेता श्रेय लेने के लिए पहुंचने लगे, लेकिन वहां पर चुनाव की कमान संभाल रहे भाजपा नेताओं ने उन्हें कोई त्वज्यो नहीं दी। कुछ नेता गए थे, उन्हें स्वयं ही आत्मग्लानि हुई हो या नहीं, लेकिन उन्हें चंपावत विधानसभा क्षेत्र में जाने पर इस बात का एहसास भी हुआ कि भले ही वहां के निवासी दूर—दराज के क्षेत्र में निवासरत हो, लेकिन उन्हें प्रदेश में सभी की औकात के बारे में जानकारी है।