जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। घरवालों की डांट से नाराज होकर दो बच्चियां मदरसे जाने के बजाय अन्य स्थान पर चली गईं। परिजनों के तलाशने के बाद जब बच्चियां नहीं मिली तो अपहरण की धाराओं में मुकदमा दर्ज करा गया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद तलाश शुरू कर दी। पुलिस को दोनों बच्चियां सकुशल बरामद हो गई।
घरवालों की डांट से नाराज होकर 23/11/22 को रुड़की के जौरासी की 11 व 12 साल की (चाचा-ताऊ की) दो बच्चियों के मदरसे में पढ़ने की बात कहकर एक साथ कहीं गायब हो गई। अगले दिन हरिद्वार पुलिस को सूचना देने पर सम्बन्धित प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए एसएसपी हरिद्वार द्वारा पीड़ित परिवारों से उनके घर जाकर मुलाकात कर तत्काल अपहरण की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया। एसएसपी ने आश्वस्त किया था कि हर हाल में दोनों बच्चियों को सकुशल बरामद किया जाएगा।
बच्चियों की कोई भी फोटो न होने के बावजूद CCTV कैमरे से फोटो निकालकर तलाश हेतु युद्ध स्तर पर हरसंभव प्रयास करते हुए पुलिस टीम ने दोनो किशोरियों को 24 घंटे से भी कम समय में बरामद कर परिजनों की चिंता दूर की। प्रकरण में अध्यक्ष बाल कल्याण समिति हरिद्वार अंजना सैनी व अन्य सदस्य मोमा देवी, नीलम मेहता आदि को रिपोर्ट प्रेषित कर उचित आदेश-निर्देश पर किशोरियों से पूछताछ व मेडिकल आदि की वैधानिक कार्यवाही प्रचलित है
परिजनों ने किया एसएसपी का धन्यवाद
बिना कोई अनहोनी हुए 24 घंटों के अंदर अपनी दोनों बच्चियों को सकुशल पाकर परिजनों द्वारा तहे दिल से एसएसपी हरिद्वार एवं रुड़की पुलिस को धन्यवाद कहा गया।
पुलिस टीम में इनका रहा सहयोग
एसएचओ रुड़की देवेन्द्र सिंह, एसएसआई प्रदीप तोमर, एसआई महेन्द्र पुंडीर, एसआई करुणा, रीना, प्रदीप का सहयोग रहा।
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मुख्यमंत्री उत्तराखंड के “ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025” अभियान को सार्थक बनाने हेतु एसएसपी द्वारा दिए गए कड़े दिशानिर्देशों के क्रम में दिनांक 24/25-11-22 को मंगलौर पुलिस ने अभियान चलाया। सीओ मंगलौर, प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण समेत गठित टीम द्वारा लगभग 20 मेडिकल स्टोरों में छापेमारी कर प्रतिबंधित दवाइयां चेक की गई। राजीव रौथाण ने बताया कि छापेमारी के दौरान किसी प्रकार की कोई प्रतिबंधित दवाइयां नहीं मिली। कहना है कि मंगलौर पुलिस द्वारा इस ओर कड़ी निगरानी रखी जा रही है एवं चेकिंग अभियान लगातार जारी रहेगा।