जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। गुरु तेगबहादुर जी के 400 वें जयंती वर्ष पर राष्ट्रीय सिख संगत महिला शाखा की राष्ट्रीय बैठक श्री जगद्गुरु आश्रम कनखल में आयोजित की गई।
कार्यक्रम की मुख्यातिथि झारखंड की पूर्व डीजीपी बीबी निर्मल कौर ने कहा कि भारतीय सिख गुरुओं का इतिहास प्रेरणाओं से भरा हुआ है। समाज को सही राह पर चलाने के लिए गुरु तेगबहादुर जी के सेवा, समर्पण, त्याग और बलिदान को हमें आने वाली पीढ़ियों में रोपने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि गुरु तेगबहादुर जी के जीवन से प्रेरणा लेकर हमें विश्व के प्राणी मात्र के कल्याण का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा गुरुगोविंद सिंह जी की माताजी, गुरुतेगबहादुर की धर्मपत्नी ने भी गुरुओं को सहयोग ही नहीं दिया वरन उन्हें समाजहित सेवा के लिए सदैव प्रोत्साहित किया। इसलिए हमें समाज की सेवा में भारतीय नारी के योगदान को भी याद करना होगा ।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता पंजाब जालन्धर की डॉ अनु भारद्वाज ने कहा कि सिख गुरुओं ने समाज में जातिगत भेदभाव को खत्म करने, पूरी मानव जाति को एक मानते हुए उन्हें गले लगाने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि हम सभी गुरुतेगबहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व वर्ष को पूरे समाज और विश्व भर में कैसे मनाएं,इस पर मंथन कर अधिक से अधिक स्थानों पर प्रकाश पर्व मनाने के लिए जुट जाएं, जिससे उनके योगदान को घर घर तक पहुंचाया जा सके।
राष्ट्रीय महिला शाखा प्रमुख बीबी जसमीत सेठी ने कहा कि गुरुतेगबहादुर जी भारत के महान संतों में से एक थे, समूची मानवता पर उनका प्रभाव बहुत ही व्यापक है। बीबी जसमीत ने कहा कि उनका प्रभाव केवल सिख पंथ के भाई बहिनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि समूचे भारतीय जनमानस के हृदय में उनके लिए अपार श्रद्धा का भाव है।
इस अवसर पर पंजाब प्रांत से परमजीत कौर, राजस्थान से रंजीत कौर, शरनजीत कौर, दिल्ली से निर्मल कौर, उत्तराखंड से दीप्ति पांडेय, वंदना चौहान की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय महिला प्रमुख जसमीत सेठी ने किया।