जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर के प्रकरण में भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट शामिल हो गया है। पदाधिकारियों ने महाविद्यालय परिसर में अपना कार्यालय खोलकर गुरुकुल को बचाने के लिए संकल्प लिया। जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री ने कहा कि गुरुकुल को उद्योगपतियों के हाथों में जाने नहीं दिया जाएगा। वहीं, प्रेसवार्ता करते हुए योगऋषि आचार्य कर्मवीर महाराज ने कहा कि गुरुकुल को बचाने के लिए जल्द ही आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने योगगुरू स्वामी रामदेव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उन्होंने योग से लेकर शिक्षा को व्यवसाय के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन वे गुरुकुल महाविद्यालय को उनके हाथों में नहीं जाने देंगे।

गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर का प्रकरण एक बार फिर से गरमा गया है। कथित तौर पर एक गुट ने गुरुकुल जैसी प्राचीन संस्था को स्वामी रामदेव को सौंपने का प्रस्ताव जारी कर दिया है। बाकायदा उस गुट ने पतंजलि योगपीठ बहादराबाद में आम सभा की बैठक कर इसका प्रस्ताव तक जारी करने का दावा किया। पतंजलि योगपीठ के पदाधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि वे गुरुकुल की संस्था को अपने साथ मिला रहे हैं।

लेकिन गुरुकुल महाविद्यालय को चला रही संस्था प्रधान सभा ने इसका पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया है। मामले को लेकन आर्य समाज में गहरा आक्रोश पनपने लगा है। मामले में आर्य समाज के साथ योगऋषि आचार्य कर्मवीर महाराज और भारतीय किसान यूनियन टिकैत के किसानों ने गुरुकुल को बचाने का संकल्प लेते हुए आंदोलन की रणनीति बनानी शुरू कर दी है। बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष विजय शास्त्री, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चौधरी के साथ तमाम पदाधिकारियों ने किसानों के साथ मिलकर अपना कार्यालय खोल दिया। विजय शास्त्री ने बताया कि ऋषि मुनियों की संस्था प्राचीन गुरुकुल को बचाने के लिए कार्यालय खोल दिया है। कार्यालय के माध्यम से गुरुकुल में अध्ययन कर रहे बच्चों को सुरक्षा प्रदान करते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए काम करेंगे।