जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। अगले महीने मार्च में हरिद्वार में लगने वाले आस्था के सागर महाकुंभ मेले में स्नान करने के लिए देश भर से करोड़ो श्रद्धालु आते है और हजारो की संख्या में मूक बधिर भी गंगा में आचमन करने आते है। ऐसे में भारी भीड में मूक बधिर के अपने परिजन से बिछुड़ने की संभावना रहती है। ऐसे में मूक बधिरो की सुरक्षा के लिए एक टोल फ्री नम्बर जारी किया जाना चाहिए। जिसमें एसएमएस और व्हाटस वीडियो कॉल की सुविधा हो और उस टोल फ्री नंबर में एक इंटरप्रेटर की भी नियुक्ति हो।ताकि आसानी से मूक बधिर उनसे वीडियो कॉल में बात कर सके। कुंभ के बाद भी इस नम्बर को स्थायी किया जाना चाहिए। टोल फ्री नम्बर जारी होने से सभी प्रकार के दिव्यांगजनो को लाभ होगा। इस प्रकार सभी 13 जिलो मे टोल फ़्री नम्बर जारी किया जाना चाहिए। यह बात देवभूमि बधिर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप अरोड़ा ने राज्य सरकार की ओर से आयोजित एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला में कही। दिव्यांगजनों के कल्याण एवं समस्याओ के निराकरण हेतू यह कार्यशाला राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान देहरादून मे आयोजित की गई। राज्य आयुक्त दिव्यांगजन मेजर योगेन्द्र यादव के निमंत्रण पर इस हाईलेवल बैठक में शामिल हुए संदीप अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश में मूक बधिरो की स्थिति अत्यन्त खराब है। पूरे प्रदेश में मूक बधिरो के लिए किसी भी सरकारी विभाग में एक भी इंटरप्रेटर नही रखा गया। बिना इंटरप्रेटर के मूक बधिरो का विकास संभव नहीं है। संदीप अरोड़ा ने मूक बधिरो के लिए इन्टरप्रेटर को अति महत्वपूर्ण बताते हुए प्रदेश के 13 जिलो सहित हर विभाग में इसे लागू करने की मांग राज्य आयुक्त मेजर योगेन्द्र यादव और डाइरेक्टर समाज कल्याण विनोद गोस्वामी के समक्ष रखी। संदीप अरोड़ा ने स्टेट कोर्ट कमिश्नर मेजर यादव से कहा कि आपके दिव्यांगजन न्यायालय में प्रदेश भर से मूक बधिर अपनी समस्याये लेकर आते है लेकिन आपके दिव्यांगजन कोर्ट तक में इंटरप्रेटर नहीं है, तो बाकी विभागो में कैसे लगेगा।
संदीप अरोड़ा ने हरिद्वार सहित राज्य के हर जिले में मूक बधिरो के लिए सेपेरेट स्कूल खोलने और बस परिवहन, बैंक, पुलिस, रेलवे, अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया कि ये सब दिव्यांगजनों की समस्याओ को गंभीरता से नहीं लेते। इसके साथ ही डीएम कार्यालय और समाज कल्याण विभाग मे प्राथमिकता के आधार पर इंटरप्रेटर की नियुक्ति करने, पेंशन 5000 प्रतिमाह करने, घर से बाहर ना निकलने वाले दिव्यांगजनों के लिए पेंशन 8000 करने, यूडीआईडी कार्ड, लोन के सरलीकरण, शादी के अनुदान आसानी से दिलवाने, मूक बधिरो के लाईसेंस बनवाने समेत 17 सूत्रीय मांगे रखी और सुझाव दिये। कार्यशाला में डैफ वेलफेयर एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष उमेश ग्रोवर, नितिन कुमार, जिलास्तरीय दिव्यांगता समिति के सदस्य सुंदरलाल गौतम, अमित धीमान, सहेन्द्र कुमार, मोहम्मद तनवीर, अरविंद आदि ने भी अपने अपने सुझाव दिए और मांग पत्र सौंपा।