जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कांग्रेस पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी में महासचिव एवं अन्य पदों पर विराजमान कई नेताओं ने देहरादून पहुंचकर भाजपा ज्वाइन की। इन नेताओं में अधिकांश नेता हवाई एवं जनाधारहीन नेता है। इनमें दो ने कांग्रेस के बैनर पर 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इनके हवाई होने के चलते हुए जमानत जब्त हो गई। ज्वाइन करने वालों में दो नेता अकूत संपत्ति के मालिक है। एक ही पहचान खनन कारोबारी के रूप में है, हालांकि फिलहाल वे अन्य कारोबारों में लिप्त हैं, कारोबारों को चलाने के लिए सत्ताधारी पार्टी के साथ आ गए हैं।
कांग्रेस के नेताओं ने देहरादून पहुंचकर भाजपा कार्यालय पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इन नेताओं में दो कांग्रेस के प्रदेश महासचिव है। एक सुभाष चौधरी तो दूसरे सतीश कुमार हैं। ज्वाइन करने वाले नेताओं में सुभाष चौधरी खानपुर से तो डॉ अंतरिक्ष सैनी लक्सर से चुनाव लड़ चुके हैं। इन दोनों नेताओं की वोट प्रतिशत देखें तो खानपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को मिले 6,289 मत के अनुसार 5.54% वोट मिले। जबकि डॉ अंतरिक्ष सैनी को 11,584 के अनुसार 14.20% वोट मिले। जिससे 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाने के चलते हुए दोनों की जमानत तब जब्त हो गई। ऐसे नेताओं को जनाधारहीन नेता माना जाता है।
इनके अलावा कांग्रेस और बसपा के कई नेताओं ने भी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। सभी ने भाजपा की नीतियों को आगे बढ़ाने के साथ आमजन को इनका लाभ पहुंचाने का वादा किया।
हालांकि हरिद्वार जनपद में कार्यक्रम न कराए जाने पर सवाल उठाए जाते रहे। कुछ नेताओं ने कहा कि इनका लाभ जिला पंचायत चुनाव में भाजपा पार्टी को मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है।
कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष धर्मपाल सिंह का कहना है कि तीनों ही नेताओं का जिला पंचायत की राजनीति में कोई दखल नहीं है। इससे चुनाव में कोई असर नहीं पड़ेगा। जनाधार वाले नेता होते तो कई—कई चुनाव लड़ने के बाद भी विजयी नहीं हो सके। ये नेता मतलब परस्त नेता रहे हैं, किसी भी पार्टी के हित के बजाय ये अपने कारोबार को चलाने एवं अपने हित साधने में लगे रहते हैं।