जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। जिला पंचायत और बीडीसी सीटों के लिए जिला प्रशासन की ओर से किए गए परिसीमन को आधारहीन बताते हुए मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है। मामले में हाईकोर्ट ने 5 जुलाई की तारिख नियत की गई है, जिसमें 5 जुलाई को ही निर्वाचन अधिकारियों को भी पार्टी बनाने के आदेश हुए है। हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने तक के लिए कह दिया है। तर्क है कि जब परिसीमन पहले हो चुका है तो केवल एक नगर पंचायत वाले ब्लॉक में ही करना चाहिए था, न कि पूरे जनपद में। बीडीसी का परिसीमन करते हुए एक सीट पर 4000 वोटर तो दूसरी को 12 हजार क्यों कर दिया गया।
इसी के साथ बड़ा सवाल यह भी उठाया गया है कि जब जिला पंचायत और बीडीसी सीटों का परिसीमन किया है तो ग्राम प्रधान के लिए पुराने परिसीमन को आधार क्यो बनाया गया है।
जिला पंचायत और बीडीसी का परिसीमन के खिलाफ पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी सुभाष वर्मा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। मामले में हाईकोर्ट में अब 5 जुलाई को सुनवाई होनी है। याचिका कर्ता चौधरी सुभाष वर्मा का कहना है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव टालने के लिए भाजपा की राज्य सरकार लगातार नए—नए बहाने कर आगे खिसका देती है। अब एक नई नगर पंचायत सुल्तानपुर को बनाया गया तो पूरा परिसीमन का खेल कर दिया। जबकि नियमानुसार लक्सर ब्लॉक का परिसीमन कर सूची जारी कर दी जाती। लेकिन ऐसा नहीं किया गया, बल्कि गांवों को जोड़ने में खेला कर दिया। एक गांव को दो जिला पंचायत में जोड़ दिया गया। ऐसा लग रहा है कि पूरा खेल नौसिखिये अधिकारियों ने खेला है। याचिका में तर्क दिया गया है कि बीडीसी की एक सीट 4 हजार मतदाताओं को जोड़कर बन दी तो उसी ब्लॉक में दूसरी सीट 12 हजार मतदाताओं से अधिक की बना दी गई है।
क्षेत्र के रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य सरकार हरिद्वार जनपद में चुनाव नहीं कराना चाहती। गलत तरीके से किए गए परिसीमन के खिलाफ कोर्ट में याचिका होगी और अधिकारी फिर से परिसीमन करने के लिए समय मांगते हुए चुनाव को आगे बढ़ा देंगे।
अब सूचना आ रही है कि बहादराबाद कस्बे को नगर पंचायत बनाकर फिर से परिसीमन को आगे खिसकाकर चुनाव को टाला जा सकता है। यदि चुनाव फिर से टाला गया तो चुनाव की तैयारी करने वालों को बड़ा झटका लगेगा।
