जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम, अध्यक्ष आदित्य बृजवाल, जिलाध्यक्ष अनूप सिंह ने जिला पंचायत में प्रत्याशी बनाने के लिए नाम पर मोटी रकम लेकर उनकी घोषणा की है। कई ऐसे लोगों को भी प्रत्याशी बना दिया है जोकि विधानसभा में दूसरे नेताओं के साथ मिलकर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को हराने का काम कर रहे थे। जबकि ऐसे लोगों को प्रत्याशी नहीं बनाया जिन्होंने दो-दो साल पहले पार्टी फंड के रूप में 7 से 10-10 लाख रूपये जमा कर दिए थे। ये सभी आरोप बसपा के खानपुर विधानसभा प्रभारी चौधरी रविंद्र सिंह पनियाला ने लगाए हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ने की चेतावनी दी है।
मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी ने 27 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी, जबकि 17 दावेदारों की भी सूची लगभग तैयार है। बसपा के प्रदेश पदाधिकारियों ने प्रत्याशी बनाने के लिए नेताओं से 10 से 25-25 लाख रूपये तक की मोटी रकम वसूली है। कई नेताओं ने पार्टी हित में कभी काम नहीं किया, उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने से कई दिग्गज नेता नाराज हो गए है। प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम पर पहले भी गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्होंने कई नेताओं को रूपये लेकर बसपा में ज्वाइनिंग भी करा दी थी। नरेश गौतम ने भाजपा के हाथों सदस्य भी बेच दिए थे. वे छोटे-छोटे कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए रुपए लेते हैं. जोइनिंग कराने के तो अनेकों बार रुपए लेने के मामले सामने आए. अब बसपा के समीकरण बिगाड़ने के साथ कई ऐसे नेताओं को प्रत्याशी बना दिया जोकि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे और ऐसे नेताओं को भी प्रत्याशी बना दिया जोकि हाल में ही दूसरी पार्टियों से बसपा में शामिल हुए। हालांकि बसपा पर टिकट बेचने के आरोप हमेशा से और सभी चुनावों में लगते रहे हैं। इससे ही पार्टी लगातार कमजोर होती रही। बसपा का हरिद्वार में बोर्ड बनना था, लेकिन प्रदेश के पदाधिकारियों ने टिकट बेचकर पार्टी को गर्त में पहुंचाने का काम किया है। बसपा से 2 विधायकों को चुने जाने पर कार्यकर्ता बेहद उत्साहित थे. अब जिला पंचायत चुनाव से ऐन वक्त पहले खानपुर विधानसभा प्रभारी चौधरी रविंद्र सिंह पनियाला ने पार्टी विरोधी लोगों को टिकट दिए जाने से बगावत कर दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पार्टी की छवि खराब हुई है। आरोप लगाया कि पार्टी के गद्दार किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किए जाएंगे। जिन लोगों ने दो-दो साल पहले ही पार्टी में सहयोग धनराशि जमा कर दी थी और तैयारियों में जुटे हुए थे, उन्हें प्रत्याशी न बनाकर पार्टी से गद्दारी की है। उन्होंने चेतावनी दी कि पदाधिकारियों की कार्यशैली न बदलने से आहत होकर वे इस्तीफा देने की घोषणा करते है।