जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक कालेज चिकित्सालय हरिद्वार में कार्यरत कर्मचारी अमित सिंह वरिष्ठ सहायक एवं विवेक जोशी पीए कुलसचिव के साथ नेत्र कुम्भ ऋषिकुल परिसर हरिद्वार के कार्यकर्ताओं द्वारा अभद्र व्यवहार तथा मारपीट की धमकी दिए जाने को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। जिसके कारण 02 अप्रैल को संयुक्त संघर्ष समिति ऋषिकुल गुरुकुल द्वारा आपात कालीन बैठक बुलाई गई जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 4 अप्रैल तक कोई ठोस कार्यवाही ना होने की दशा में संयुक्त संघर्ष समिति 5 अप्रैल को चिकित्सालय कॉलेज पूर्ण रूप से तालाबंदी कर मजबूरन धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा। जिसका समपूर्ण उत्तरदायित्व ऋषिकुल प्रशासन का होगा जिसकी सूचना कुलपति महोदय, कुलसचिव, जिलाधिकारी, मेलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सूचना प्रेषित कर दी जाएगी।
मुख्य संयोजक समीर पांडे, केएन भट्ट और संयोजक सचिव शिवनारायण सिंह ने कहा कि नेत्र कुम्भ के कार्यकर्ताओं द्वारा इस प्रकार किया गया अमानवीय कार्य कार्यकर्ताओं की छवि को धूमिल करता है तथा कर्मचारियों के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कार्य किया गया है जो संयुक्त संघर्ष समिति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी, कर्मचारियों के सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा, जिला मंत्री राकेश भंवर उपशाखा गुरुकुल के मंत्री आशुतोष गैरोला, रमेश पंत ने कहा कि कर्मचारियों द्वारा कोरोना महामारी में अग्रिम पंक्ति में कोरोना वारियर बनकर अपनी जान की परवाह न करते हुए रोगियों की सेवा का परिणाम रूपी फल अपना मान सम्मान गवांकर मिल रहा है जिससे कि कर्मियों में रोष बना हुआ है। जल्द ही इस प्रकरण का निस्तारण ना होने की दशा में परिसरों में कार्यरत कर्मियों द्वारा 5 अप्रैल को कॉलेज चिकित्सालय में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व ऋषिकुल और गुरुकुल प्रसाशन का होगा।

आपात कालीन बैठक में अशोक चंद्रा, शिवनारायण सिंह, ताजबर सिंह, रमेश पंत, आशुतोष गैरोला, मनोज पोखरियाल, विनोद, प्रबल सिंह, अजय कुमार, समीर पांडे, केएन भट्ट, नितिन कुमार, मोहित मनोचा, राजकुमार, ज्योति नेगी, राकेश भंवर, सतीश कुमार, अमित सिंह, छत्रपाल सिंह, राकेश, चंद्रप्रकाश, अनिल सिंह नेगी, सुमंत पाल चंद्रपाल, अमित कुमार, संतोष, दिनेश लखेड़ा,  विनोद कश्यप, आनन्दी शर्मा, संकुतला वर्मा, बीना मठपाल, सुनीता चंद्र तिवारी, बाला देवी, चंद्रकला, कुसुम आदि सभी कर्मचारी आक्रोश के साथ उपस्थित रहे।