जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। जगजीतपुर पुलिस चौकी के पीछे कुंभ—2016 में बनाए गए बिजलीघर की लाइन में आए फाल्ट की मरम्मत न होने से सोमवार से तीन दिन से लाखों की आबादी उमस भरी गर्मी का जीवन मुश्किल भरा हो गया है। प्रभावित क्षेत्रवासियों को पानी तक मयस्सर नहीं हो रहा है। लोगों में ऊर्जा निगम के लापरवाह अधिकारियों के प्रति आक्रोश है।
मिस्सरपुर, पंजनहेड़ी, अजीतपुर, जीयापोता, जमालपुर कलां, कटारपुर, सराय, गाडोवाली, बहादरपुर जट्ट, फेरुपुर, जगजीतपुर आदि गांवों के साथ के सैकड़ों कालोनियों में पिछले 3 दिनों से बिजली नहीं आ रही है। सोमवार को दिन में 11:00 बजे मातृसदन चौक पर पानी की लाइन के लिए चल रही खुदाई के लिए जेसीबी से भूमिगत केबिल कट गया था। अधिकारी दावा करते रहे कि उसकी मरम्मत चल रही है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं किया गया, केवल एक गड्ढा खोदकर दो मजदूर बैठाकर काम अधर में छोड़ दिया। गांव और कॉलोनी निवासियों ने हंगामा किया तो मंगलवार की देर शाम को आई आंधी तूफान का बहाना कर दिया कि पेड़ों के गिरने से तार टूट गए हैं। अब पूरे क्षेत्र में हालात ऐसे हो गए हैं कि दो घूंट पानी के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है। सबसे बड़ी समस्या रसोई और शौचालयों में हो गई है। खाना बनाने के लिए पानी दूर दराज से लाना पड़ रहा है। कुछ कॉलोनियों में हैंडपंप हैं, लेकिन दूर होने के चलते हुए पानी खींचकर लाना मुश्किल हो रहा है। पानी के साथ उमस भरी गर्मी में समय बिताना मुश्किल हो रहा है। खासकर छोटे—छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी हो रही है। घरों में लगे एनवर्टर तो सोमवार की शाम तक ही जवाब दे गए है। अंधेरे में रात काटनी मुश्किल हो रही है।
गांवों में तो सिंचाई से लेकर पशुओं के लिए चारा तक उपलब्ध नहीं हो रहा है। गंगा के किनारे के गांव होने के चलते हुए जंगली जानवर आबादी में आ जाते हैं, अंधेरा होने से इनका भी डर सता रहा है।
इन प्रभावित गांवों के निवासी और कॉलोनीवासी व्हाट्सअप ग्रुपों में ही बहस कर रहे हैं और समस्या कितनी भी हो जाए, पर घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं है।
