जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार जनपद में अवैध खनन कराने की पूरी तैयारी हो चुकी है। खनन माफियाओं से प्रतिशत तय करने के लिए डील चल रही है। उगाही के लिए सिंडिकेट भी लगभग तय हो चुका है। ये अवैध खनन करने के लिए चुगान जैसा शब्द नगण्य हो जाएगा और बड़ी-बड़ी मशीनों को उताकर चंद दिनों में मंसूबे को अंजाम दे दिया जाएगा। इस अवैध खनन से प्रशासनिक अधिकारियों की झोली तो भर जाएगी, लेकिन राजस्व की पूरी तरह से चोरी होगी।
हरिद्वार जनपद में फरवरी महीने से खनन या चुगान बंद पड़ा है। मातृसदन की याचिका पर 15 मार्च को गंगा नदी में चल रहे रीवर ट्रेनिंग के पट्टे भी बंद हो गए थे। स्वीकृत पट्टों से नियमानुसार चुगान कराने वाले नियम का पालन न किए जाने से खनन माफियाओं ने काम नहीं किया, क्योंकि खनन माफियाओं को चुगान कराने में ज्यादा फायदा नहीं होता, बल्कि रॉयल्टी जमा होकर पट्टा समाप्त हो जाता है, इसलिए चुगान में रूचि नहीं ली गई। खनन माफियाओं ने एकत्रित होकर काम शुरू कराने के लिए दवाब बनाया, लेकिन उनके मंसूबों के अनुसार काम शुरू नहीं हो सका। इससे खनन माफियाओं के पट्टे और क्रशर बंद हो गए।
जिलाधिकारी हरिद्वार ने जून महीने में कुछ भंडारणों को अनुमति भी प्रदान की, लेकिन अवैध खनन न होने से वे भी अपने काम शुरू नहीं कर सके थे।
अब खनन सिंडिकेट फिर से सक्रिय हो गया है और अवैध खनन कराने की पूरी पटकथा तैयार होने लगी है। गंगा एवं सहायक नदियों का सीना चीरने के लिए काली कमाई करने की तैयारी शुरू की जा रही है। सूत्रों की माने से सितंबर महीने में किसी भी दिन अवैध खनन कराने के लिए बड़ी-बड़ी मशीने उतार दी जाएगी। हालांकि एक बहाना आपदा प्रबंधन का यह भी दिए जाने का प्रयास है कि सिल्ट की सफाई कराई जा रही है।
