जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। औद्योगिक क्षेत्र में पेंट की फैक्ट्री चलाने वाले एवं अपने को समाजसेवी बताने वाले अविनाश औहरी कई व्यापारियों की मोटी रकम डकार चुका है। उसका पुत्र छात्रवृत्रि घोटाले का आरोपी है। इस परिवार की हरिद्वार विधायक से नजदीकि बताई जाती है। जिसके नाम पर अपनी धौंस चलाकर लोगों को डरा धमकाकर उसकी मोटी रकम डकारने में कामयाब रहा है। अब जिस व्यक्ति के दस लाख रूपये 2007 में लिए, उसी पर मुकदमा दर्ज कराते हुए डरा दिया, लेकिन पुलिस ने निष्पक्षता दिखाते हुए पीड़ित की तहरीर पर कथित समाजसेवी अविनाश औहरी के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले को लेकर शहर में तमाम तरह की चर्चा है। सामने आ रहा है कि अपने कई खास दोस्तों को भी नहीं बख्शा।
मामला इस प्रकार है कि पीड़ित गजेंद्र जीत सिंह पुत्र स्वर्गीय अवतार सिंह निवासी अपोजिट बैंक और बड़ौदा ने तहरीर देकर बताया कि अविनाश चंद्र औहरी को उनकी फैक्ट्री प्लैटिनम फार्मा प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल के लिए 1000000/ (दस लाख रुपये) वर्ष 2007 में उधार दिए थे। क्योंकि मेरी और औहरी की फैक्ट्री दीवार एक साथ लगी हुई थी और हम लोगों के आपस में अच्छे सम्बन्ध थे तथा इनके बार बार मांगने पर मैंने इनको 1000000/- रु दस लाख रुपये) इनकी फैक्ट्री प्लेटिनम फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के लिए उधार दिए प्लैटिनम फार्मा में अविनाश औहरी के आलावा तीन और डायरेक्टर अमित चावला, आदर्श जेटली एवं मनोज जैन थे। जो 1000000 /- रु (दस लाख रुपये) इनकी फैक्ट्री ने उधार लिए उनके एवज में दो चेक पांच पांच लाख रुपये के जिस पर दो डायरेक्टर अमित चावला एवं आदर्श जेटली के हस्ताक्षर थे, इन दोनों ने अपनी फर्म प्लैटिनम फार्मा के लिए मुझसे यह पैसा तीन वर्षा के लिए लिया था तथा तीन वर्ष बाद मैं अपने पैसे के लिए बार बार रिक्वेस्ट करता रहा, लेकिन रुपये वापिस नहीं किए। मैंने दोनों चेक भुक्तान के लिए वर्ष 2012 में बैंक में जमा कर दिए जो कि बिना भुगतान के खाते में पैसा न होने कि वजह से डिसऑनर हो गए।
उन्होंने बताया कि वह औहरी की फैक्ट्री में पिछले तीन दिन से सुबह दोपहर जा रहा था तब दिनांक 01/12/2022 को उनके अकाउंटेंट बहुगुणा ने कहा कि आप दोपहर बाद आ जाना। हम बेथ कर बात कर लेंगे। अतः मैं दिनांक 01/12/2022 को मैं दोपहर तीन बजे के करीब इनकी फैक्ट्री में बातचीत करने के लिए गया कि मेरे पैसे मुझे वापस मिल जाए। मैंने अकेला बिना किसी को साथ लिए बिना किसी का हथियार लिए गया क्योंकि मैंने चाहता था कि शांतिपूर्ण वातावरण में बातचीत हो और मेरा पैसा जो पिछले 15 वर्ष से रुका हुआ या वो मुझे मिल जाए क्योंकि मुझे पैसे कि सख्त आवश्यकता है जिससे मेरे कई काम रुके हुए हैं। वहां पर इनकी फैक्ट्री में जाकर मैंने कहा कि मेरा पैसा देने कि कृपा करे तब औहरी ने कहा कि मुझे आपका कोई पैसा नहीं देना है क्योंकि न्यायलय ने अमित चावला के लिए आदेश दिए हैं मेरे कहने पर कि आप चारों डायरेक्टर थे आप चारो डायरेक्टरों को आपके कहने पर आपके और आपके बेटे के हाथ मैंने पैसे दिए थे अतः आपकी जिम्मेदारी बनती है कि मेरा पैसा सब लोग मिलकर देदे, इस पर औहरी भड़क उठे और मुझे कहा कि तू मेरा जो उखाड़ सकता है उखाड़ ले में कोई पैसा नहीं दूंगा। औहरी ने अपने स्टाफ को बहुगुणा और स्टाफ के अन्य लोगो को बुला लिया और मुझे गाली गलोच धक्का मुक्की कर के फैक्ट्री से निकाल दिया और मुझे जान से मारने कि धमकी दी।