जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। कांग्रेस नेता एवं जिला पंचायत के दिग्गज नेता मुकर्रम अंसारी चुनाव हार गए हैं. उन्हें भाजपा के साधारण कार्यकर्ताओं ने शिकस्त दी है. मुकर्रम अंसारी हरिद्वार ग्रामीण सीट से कांग्रेस की विधायक अनूपमा रावत के निर्वाचित होने के बाद से बहुत उत्साहित थे. लेकिन कांग्रेस के विधायक ने चुनाव प्रचार में कोई सहयोग नहीं किया, जिससे मुकर्रम अंसारी को हार का सामना करना पड़ा. मुकर्रम तकरीबन 3000 से अधिक वोटों से हारे हैं, जबकि 2015 के चुनाव में जीतने में उनकी माता श्रीमति लतीफन अंसारी का रिकॉर्ड था। वे जनपद में सर्वाधिक मतों के अंतर से जीती थी.
मुकर्रम अंसारी ने कांग्रेस पार्टी से बहादरपुर जट सीट से नामांकन किया था, उनका सामना भाजपा के नेता सोहनवीर पाल से हुआ, जबकि सोहन वीर पाल पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे, उन्हें पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का आशीर्वाद प्राप्त था.
सबसे बड़ा दुर्भाग्य मुकर्रम अंसारी का यह रहा कि कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत ने सहयोग नहीं किया, कांग्रेस के नेता भी मुकर्रम अंसारी के बढ़ते कद से परेशान थे. बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पुत्री विधायक अनुपमा रावत भी मुकर्रम अंसारी के बढ़ते कब से परेशान थी. जनपद की 44 सीटों में मुकर्रम अंसारी के सीट पर सभी की नजर थी, लेकिन अब मुकर्रम अंसारी की राजनीति कच्चे रेत की दीवार की तरह ढह गई. दूसरा कारण वे अपने पैतृक गांव से दूसरे गांव में चुनाव में मैदान में उतरे थे, जहां मुस्लिम वोटरों ने भी उसका साथ नहीं दिया.