जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। जुझारू युवा निखिल बैनीवाल का आकस्मिक निधन होने से शहर से लेकर देहात क्षेत्र में शोक छा गया। निखिल ने कम समय में मेहनत के बल पर अच्छा नाम रोशन किया था, लेकिन खन्नानगर निवासी निहार कर्णवाल के ठगी प्रकरण में निखिल बैनीवाल को बेवजह परेशान किया जा रहा था, जबकि पुलिस जांच में निखिल दोषी नहीं पाया गया था। लेकिन उसके बावजूद उसे पुलिस बेवजह परेशान कर रही थी, उसे बार—बार पूछताछ में रानीपुर कोतवाली बुलाया जा रहा था, इससे निखिल मानसिक रूप से परेशान था। जिससे वह उबर नहीं पा रहा था।
फेरुपुर निवासी 28 साल का युवा निखिल बैनीवाल का परिवार बेहद मेहनती है। निखिल बैनीवाल का छोटा भाई की पिछले पांच साल पहले होली पर कार एक्सीडेंट में दर्दनाक मौत हो गई थी। पिता राजपाल बैनीवाल कैंसर से पीड़ित हो गए और दो साल पूर्व उनकी मृत्यु हो गई। निखिल की डेढ़ साल की पुत्री है और पत्नी फिर से गर्भवती है। अब कुछ महीने पहले खन्नानगर के निवासी ठग की विद्या में महारत निहार कर्णवाल की ठगी के प्रकरण में निखिल बैनीवाल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया था, लेकिन निखिल हाईकोर्ट गया और पुलिस ने खुद माना कि इस ठगी प्रकरण में निखिल दोषी नहीं है, लेकिन फिर भी रानीपुर पुलिस उसे निरंतर पूछताछ के लिए बुलाती रही। घंटो तक बैठाए रखने से निखिल मानसिक रूप से परेशान हो गया और अंदर ही अंदर घुटने लगा। उसे इलाज के लिए बृहस्पतिवार को कैलाश हॉस्पिटल देहरादून लेकर गए, लेकिन अंदर से टूटा निखिल जिदंगी से हार गया। वह अपने दोस्तों और परिवानजनों से एक ही बात कहता था कि उससे उत्पीड़न सहा नहीं जा रहा है। उसके निधन पर लोगों ने शोक जताया है।
