आरोपी लेखपाल रामनाथ

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। लालढांग—गैंडीखाता क्षेत्र देख रहे लेखपाल रामनाथ ने क्षेत्रवासियों का सही काम भी रिश्वत लिए नहीं किया। यदि रिश्वत नहीं दी तो वह काम न करने का बहाना करता रहता था। लोगों ने शिकायत की तो​ जिला प्रशासन ने पिछले साल तबादला कर दिया था तो सेवानिवृत्ति होने का समय नजदीक होने का बहाना लेकर हाईकोर्ट पहुंच गया। रिश्वत लेने का विरोध कांग्रेस नेता गुरजीत लहरी ने किया तो उसपर मारपीट गाली—गलोच का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। इससे पहले भाजपा नेता बलबीर झंडवाल से भी काम के बदले रिश्वत मांगी थी।
पाक साफ बनने वाले जिला प्रशासन की नाक के नीचे लेखपाल बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करते। यदि रिश्वत नहीं दी तो रिपोर्ट सही लगाई। लालढांग—गैंडीखाता क्षेत्र के लेखपाल रामनाथ की रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुई तो लेखपालों की कार्यशैली पर सवाल उठने लाजमी हो गए। लेखपाल रामनाथ क्षेत्र में दो—ढाई साल पहले तैनात हुआ था। क्षेत्र में खनन और राजस्व की भूमियों को अदला बदली के मामले में मोटी कमाई होेने के चलते हुए रामनाथ ने अपना तबादला रूकवा लिया। रामनाथ को पीली पडाव के युवक ने रिश्वत के रूपये देकर वीडियो बना ली तो रामनाथ पर जिला प्रशासन को मजबूरी में कार्रवाई करनी पड़ी।
रामनाथ से सही काम करने के लिए नेता दवाब बनाते थे तो वह उनका काम ही नहीं करता था। इसी को लेकर भाजपा नेता बलवीर झंडवाल से ​झगड़ा हुआ। भाजपा नेता ने लेखपाल को हटवाने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन भी किया। लेकिन कोई असर नहीं हुआ, बल्कि रामनाथ के हौसले ज्यादा बुलंद हो गए। इसके बाद काम कराने के बदले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरजीत लहरी से भी रिश्वत की मांग की गई तो न देने पर काम नहीं किया। इससे कांग्रेस नेता ने विरोध किया तो लेखपाल ने मारपीट व गाली गलौच करने का मुकदमा ​दर्ज करवा दिया।
गुरजीत लहरी ने जिलाधिकारी से मांग उठाई कि ऐसे रिश्वतखोर लेखपाल की संपत्ति की जांच भी होनी चाहिए, सस्पेंड करने के बजाय नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए।