जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। हरिद्वार में नशीले पदार्थों की तस्करी करने में भाजपा के नेता या उनके रिश्तेदार ही पकड़े जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इससे धर्मनगरी हरिद्वार नशे के कारोबार को लेकर बदनाम हो रही है। भाजपा के नेता सुधरने के बजाय दलदल में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। अकेले उत्तरकाशी से चरस लाने में हरिद्वार के दो नेता पुलिस के चंगुल में फंस चुके हैं। यही नहीं, विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस के नेता सक्रिय हुए तो केवल भाजपा के नेताओं के घरों में शराब के जखीरे मिले, हालांकि भाजपा के नेताओं ने भी कांग्रेसियों के घर को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन विफलता ही हाथ लगी।
हरिद्वार में नशीले पदार्थों की तस्करी किसी से छिपी नहीं है। पवित्र धार्मिक स्थल हरकी पैड़ी पर कारोबार पूरी तरह से चलता है। इसी के साथ पूरे शहर में गली मोहल्लों में आसानी से चरस, गांजा, शराब मिल जाती है। इससे बच्चे तो क्या सभी वर्ग के लोग नशे की गर्त में धिकलते जा रहे हैं। पुरानी पीढ़ी के लोग बहुत ही चिंतित हैं कि आने वाला भविष्य कैसा होगा। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस नशे के कारोबार में सत्ता पक्ष के लोग पूरी तरह से संलिप्त हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्रवाई में जब लोग पकड़े जाते हैं तो वे भाजपा के नेता ही पकड़े जाते हैं या क्षेत्रीय नेता के सगे संबंधी होते हैं। अभी हाल में उत्तरकाशी जिले में पकड़े गए दो चरस के मामले में पूरी स्थिति साफ हो गई। बैरागी कैंप का पकड़ा गया युवक भाजयुमो का बूथ अध्यक्ष था तो अब पकड़ा गया युवक कनखल के पार्षद का चचेरा भाई है।
भाजपा के नेता जब तस्करी में पकड़ा जाता है तो इनके आकाओं का कोई बयान तक नहीं आता है।
