जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। पर्वतीय लोगों पर हुए अत्याचार और जानलेवा हमले के आरोपियों पर बचाने के लिए धरने पर बैठीं कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत का पहाड़ी महासभा बहिष्कार करेगी, साथ ही उन्होंने अनुपमा के खिलाफ निंदा भी की। उन्होंने कहा कि पहाड़ी समाज की अनुपमा रावत को जिताने में अह्म भूमिका रही है, लेकिन आगामी चुनाव में इसका बदला लिया जाएगा।
होली के दिन लालढांग और लक्सर रोड पर जियापोता गांव की भगवतीपुरम कॉलोनी में बसे पर्वतीय लोगों के साथ हुए प्रकरण में पहाड़ी महासभा ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। जिसका नतीजा निकला कि लालढांग प्रकरण में पुलिस ने विशेष वर्ग के कुछ लोगों को श्यामपुर थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया। जिस पर कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत उन्हें छुड़ाने के लिए श्यामपुर थाना पहुंच गई। न छोड़ने पर पुलिस पर दवाब बनाने के लिए समर्थकों के साथ धरने पर भी बैठ गई। इससे विशेष वर्ग तो खुश हो गया, लेकिन पहाड़ी महासभा में पहाड़ की बेटी कहने वाली अनुपमा रावत के खिलाफ आक्रोश फैल गया। पहाड़ी महासभा के अध्यक्ष सुभाष पुरोहित ने अनुपमा रावत की निंदा करते हुए बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि समाज ने पहाड़ की बेटी होने के चलते हुए उन्हें मतदान किया। उन्होंने यह भी कहा कि जब चुनाव प्रचार चल रहा था तो यही पहाड़ की बेटी उनके पास आकर आंसु बहाती थी, लेकिन मतलब निकल गया तो उनके साथ मारपीट करने वालों को बचाने के लिए खड़ी हो गई है। उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि अनुपमा को पहाड़ की बेटी कहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही समाज की बैठक बुलाई जाएंगी और उसमें पूरे प्रकरण को लेकर सामूहिक तौर पर निर्णय लिया जाएगा।
