बसपा कांग्रेस सिंबल

जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। बहुजन समाज पार्टी का एक बड़ा नेता आजकल कांग्रेस के कार्यालयों में चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाव नहीं दे रहे हैं। नेताजी मंगलवार को भी देहरादून डटे रहे, लेकिन शाम तक ज्वाइन नहीं हो सकी। इसे लेकर हरिद्वार की राजनैतिक गलियारों में चर्चा बनी रही। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि अनुशासित पार्टी के नाम से जाने जानी वाली बसपा पार्टी के पदाधिकारी मौन साधे हुए हैं।
बहुजन समाज पार्टी के पथरी क्षेत्र के नेता इरशाद अंसारी आजकल चर्चाओं में छाए हुए हैं। इरशाद अंसारी कांग्रेस पार्टी से 2012 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने करीब दो साल पहले अगस्त—2020 में बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नरेश गौतम ने बसपा में सदस्यता ग्रहण कराई। उनके बसपा ज्वाइन करने के दौरान उम्मीद थी कि उन्हें 2022 में पार्टी प्रत्याशी बनाएगी, लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हुआ। बसपा ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा से डॉ दर्शन लाल शर्मा पर दाव खेल रखा है, इससे इरशाद अंसारी ने कांग्रेस में वापसी करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की परिक्रमा करनी शुरू कर दी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलने के लिए वे दिल्ली भी पहुंचे, लेकिन वहां पर मुलाकात नहीं हुई। इसके बाद हरिद्वार के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फुरकान अली एडवोकेट ने जिम्मेदारी संभाली और इरशाद को कांग्रेस में ज्वाइन कराने के लिए हरीश रावत की परिक्रमा करनी शुरू कर दी। हालांकि इरशाद अंसारी को फुरकान अली एडवोकेट ज्वाइन नहीं करवा सके। बता रहे है कि इरशाद अंसारी कांग्रेस से हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा से टिकट की मांग कर रहे हैं। जिस पर वर्षों से कांग्रेस के साथ खड़े नेता विरोध कर रहे हैं।

इरशाद अंसारी को बसपा की सदस्यता दिलाते हुए तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नरेश गौतम। फाइल फोटो।

सूत्रों की माने तो इरशाद अंसारी मंगलवार को ज्वाइन करने के लिए देहरादून में डेरा जमाए हुए हैं। लेकिन देर शाम तक उन्हें ज्वाइन नहीं कराया जा सका। हालांकि हरिद्वार जनपद की राजनीति में इरशाद अंसारी का बड़ा नाम है, लेकिन जिस तरह से बसपा ने उनके साथ धोका किया है, उसे लेकर चर्चा आम है।