जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
भाजपा और प्रासंगिक संगठनों के लिए जीवन समर्पित कर चुके पूर्व मेयर मनोज गर्ग विधानसभा चुनाव—2022 की तैयारी में पूरी तरह से जुटे हैं। संतों, बुजुर्गों एवं उच्च पदाधिकारियों का आशीर्वाद लेने के साथ जनसंपर्क अभियान चलाते हुए समाजसेवा के कार्यों में पूरा समय दे रहे हैं। वे जनसेवा टीम जीवन के माध्यम से कर रहे हैं। स्वास्थ्य शिविर, जरूरतमंदों की जरूरत को हर तरह से पूर्ति करना एवं कराना, बेरोजगारों को रोजगार दिलाना, घर—घर जाकर वैक्सीनेशन कराने का काम पूरे समर्पित भाव से करवा रहे हैं। इन सभी कार्यों में उनका बड़ा पुत्र सीए अनमोल गर्ग भी हाथ बंटा रहा है। हालांकि चुनाव लड़ने की बात पर उनका एक ही वाक्य रहता है कि कमल का फूल विजयी होगा और कमल के फूल से चुनाव में उतरने वालों के नाम निश्चित हो चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी में शहर अध्यक्ष के साथ तमाम पदों के माध्यम से पार्टी की सेवा करने वाले मनोज गर्ग हरिद्वार के महापौर रह चुके हैं। हरिद्वार निकाय के नगर निगम बनने के बाद प्रथम महापौर बनने का सौभाग्य मनोज गर्ग को प्राप्त हुआ। अगले चुनाव में सत्ताधारी पार्टी ने निकाय पर महिला सीट का आरक्षण करवा दिया। जिसके चलते हुए मनोज गर्ग को चुनाव मैदान में उतरने का सौभाग्य नहीं मिला। भाजपा की ये रणनीति सफल नहीं हुई और मेयर की सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। लेकिन मनोज गर्ग राजनीति में बने रहे और सेवा कार्यों के माध्यम से जनता के बीच पहुंच गए। सभी का ये मलाल झलकता रहा कि यदि मनोज गर्ग को दोबारा से टिकट मिलता तो वे ही महापौर निर्वाचित होते और सत्ता के साथ हरिद्वार का समुचित विकास होता। मनोज गर्ग की बात करें तो वे बिना किसी पद के सेवा भाव में जुटे हैं और पार्टी की रीतियों एवं नीतियों का प्रचार करते हुए उनका लाभ आमजन तक पहुंचे, उनके लिए वे कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कुंभ—2021 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण विंग में महासचिव बनकर कुंभ में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने का काम बखूबी किया। कुंभ के बाद कोरोना की लहर दोबारा से आई और वे सेवा करते हुए कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। लेकिन उन्होंने जीवन को समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया। मरीजों के लिए ऑक्सीजन हो या भर्ती कराने का काम वे कोविड पीड़ा की सहते हुए भी करते रहे। उन्होंने भेल में ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ करवाने, इमलीखेड़ा के प्लांट को बिजली उपलब्ध कराकर निरंतर चालू रखवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी दौरान उनके पुत्र सीए अनमोल गर्ग भी कोरोना से पीड़ित थे।


कोविड की पीड़ा झेलने के दौरान एक—एक सांस के लिए जूझते हुए दोनों पिता—पुत्र ने समाजसेवा के लिए टीम जीवन का गठन कर दिया। सीए अनमोल के साथ युवा खड़े हो गए और वे पीड़ितों को सामान उपलब्ध कराने के लिए लग गए। उन्होंने जरूरतमंद परिवारों को राशन के लिए साथ घर की जरूरत के सामान उपलब्ध कराने का काम किया। गरीब बच्चों की फीस माफ कराना हो या जमा कराने का भी काम ​किया।


जनता की दुआ काम आई और पिता—पुत्र स्वस्थ्य होकर घर पर आए और बिना किसी आराम किए वे समाजसेवा के कार्यों में जुटे रहे। इसी दौरान कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए वैक्सी कार चलवाकर जो लोग केंद्रों पर नहीं आ सकते थे, उनके घर पर पहुंचकर वैक्सीन लगवाने का काम कराया। वैक्सी कार में कई सहयोगियों ने रात दिन काम कराया। साथ ही कैंप लगवाकर लोगों की जांच करवाई।


समाजसेवा के दौरान उन्होंने देखा कि किशोर, युवा के साथ कुछ लोग नशे के बुरे तरह से आदी हो चुकी हैं। और जो लोग नशे की गिरफत में आ चुके हैं वे किसी के समझाने से नशा को नहीं छोड़ पा रहे है। नशे से परिवार बर्बादी की राह पर चल पड़ा है तो उन्हें आध्यात्मिक की डगर पर लाने के लिए श्री हनुमान चालीसा और श्रीमद् भागवत गीता वितरण करने का काम करना शुरू कर दिया। हालांकि श्री हनुमान चालीसा और श्रीमद् भागवत गीता वितरण करने का अभियान सर्व समाज के लिए शुरू किया गया है, वे कहते है कि जो बुराईयों की ओर चल पड़ा है यदि इन दोनों पुस्तकों को पढ़कर उन्होंने कुरुतियों को त्यागने का काम कर दिया तो वे अभियान सफल होगा।


मनोज गर्ग की राजनीतिक महत्वाकांक्षा समाजसेवा के लिए है, वे चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को मिलता रहे इसके लिए जन प्रतिनिधि बनें। इसके लिए वे संतों के साथ बुजुर्गों एवं पार्टी के कार्यकर्ता से लेकर पदाधिकारी तक का आशीर्वाद लेने के लिए उतरे हुए हैं। उनका कहना है कि चुनाव चिन्ह कमल का फूल होगा और इस चिन्ह से उतरे वालों के नाम निश्चित हो चुके हैं। वे पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। कुछ लोग उनका उपहास भी करते होंगे, लेकिन सच्चाई की डगर पर चलते हुए समाजसेवा के काम वे निरंतर करते रहेंगे।

टीम जीवन की ओर से संचालित वैक्सी कार को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए राज्सभा सांसद नरेश बंसल, संरक्षक प्रथम महापौर मनोज गर्ग, सीए अनमोल गर्ग आदि