जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। एटक (हीप एवं सीएफएफपी) एवं सीपीआई के कार्यकर्ताओ ने भगत सिंह चौक पर आजादी के परवाने शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरु, शहीद सुखदेव को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की तथा देश के लिये उनके महान बलिदान को याद किया।
इस दौरान उत्तराखण्ड एटक के अध्यक्ष का. एमएस त्यागी ने कहा कि भगत सिंह की सोच थी कि क्रान्तिकारी आन्दोलन देश को आजादी मिलने के बाद भी खत्म नहीं होगा। यह तब तक चलता रहेगा जब तक इन्सान का इन्सान द्वारा शोषण करने वाली व्यवस्था का अन्त नहीं हो जाता है।
एटक (हीप) के महामन्त्री संदीप चौधरी ने कहा कि भगत सिंह का मानना था कि समाज का कल्याण समाजवाद के आधार पर ही किया जा सकता है। भगत सिंह के संगठन नौजवान सभा ने लाला लाजपत राय के नेतृत्व में मजदूरों एवं किसानों को कुचलने के लिए अंग्रेजो द्वारा भेजे गए साइमन कमिशन का विरोध किया। वायसराय द्वारा विशेष अधिकारो का प्रयोग करते हुए ट्रेड्स डिसप्युट एक्ट और पब्लिक सेफ्टी बिल का असेम्बली में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने बम फेंकर विरोध किया।
सीएफएफपी, एटक के महांत्री सौरभ त्यागी ने कहा कि लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला सांडर्स को मार कर लेने एवं देश के अन्दर क्रांति की ज्वाला जलाने के ध्येय के प्रति शहीद भगत सिंह का हम सम्मान करते है एवं उनके त्याग, साहस को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
कामरेड विजय पाल, जिला मंत्री सीपीआई ने कहा कि भगत सिंह अन्याय पर आधारित व्यवस्था को बदलना चाहते थे, वह मज़दूरों एवं शोषितो को उनका हक दिलाना चाहते थे।
मुनरिका यादव ने कहा कि भगत सिंह सोचते थे कि गुलाम देश कभी वर्ग हीन समाज नही बना सकता, शोषण को खत्म नहीं कर सकता।
आज केन्द्र सरकार किसान एवं मजदूर को फिर से बेडियो मे जकडना चाहती है। बैंक, बीमा, रेल, भेल आदि एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्रो को निजी हाथों में सौंपना चाहती है, मजदूरों की रक्षा के लिए अंग्रेजो से लडकर बनवाये गए क़ानूनों को खत्म कर रही है। इस प्रकार की सोच भगत सिंह के विचारो के बिल्कुल विपरित है एवं अब देश का युवा,मजदूर, किसान जाग रहा है तथा अब वह इस प्रकार का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगा एवं सरकार के खिलाफ एक बडा संघर्ष तैयार हो रहा है। सरकार अपनी मजदूर विरोधी नीतियो से पीछे हटना होगा वरना मजदूर सरकारो को हटाना अच्छे से जानते है।


इस दौरान, मनमोहन कुमार, रविप्रताप राय, अमृत रंजन, बब्लू त्यागी, दीपक कुमार, गजेन्द्र कुमार, घनश्याम यादव, विकास चौधरी, सुरेन्द्र कुमार, परमजीत सिंह, अशोक शर्मा, आईडी पन्त, गोपाल शर्मा, रामसंजीवन, कमलेश गुप्ता, संतोष तिवारी, सतीश कुमार, एमएस वर्मा , टीके वर्मा, इन्द्रपाल वर्मा, विक्रम नेगी, केके लाल, पवन शर्मा, भूषण मेहता, राजीव शर्मा, सतेन्द्र कटारिया, प्रदुमन त्यागी, रईस आलम, अजय धीमान, जितेन्द्र प्रसाद, संजीव कुमार आदि उपस्थित रहे।