जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
हरिद्वार। प्रदेश में दर्जाधारियों की सूची में एक नाम ऐसा शामिल हुआ है जिसका प्रदेश से दूर दूर तक कोई नाता नहीं है। हालांकि उसे बनाकर जाट समाज को साधने का काम किया गया है, लेकिन इसे लेकर जाट समाज में आक्रोश है कि स्थानीय निवासी के बजाय उत्तर प्रदेश के निवासी पर क्यो विश्वास जताया गया। इस दर्जाधारी को कोई स्वागत करने वाला भी नहीं मिल रहा है। बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति का प्रदेश में अपना ठिकाना तक नहीं है।
उत्तराखंड राज्य सरकार ने दूसरी दर्जाधारियों की सूची जारी की। पहली सूची में पूर्व जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश जमदग्नि को तो दूसरी सूची में पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान और पूर्व विधायक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष देशराज कर्णवाल को दर्जाधारी की सूची में शामिल किया गया। इस सूची में जाट समाज को साधने के लिए एक राज्य किसान आयोग का उपाध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बना दिया जिसका प्रदेश से कोई लेना देना नहीं है। उक्त व्यक्ति मुजफफरनगर जिले के चरथावल ब्लॉक का निवासी है। यह मंगलौर के उप चुनाव में भी चर्चाओं में रहा। अब इसे दर्जाधारी बना दिए जाए जाने से जाट समाज में आक्रोश है। जाट समाज के लोगों का कहना है कि पार्टी ऐसे किसी भी कार्यकर्ता को पद दे देती जिसका हरिद्वार जनपद या प्रदेश से नाता हो, वह स्वागत करते, लेकिन जिस व्यक्ति का दूर दूर तक कोई नाता नहीं है, उसे किसानों की समस्या सुनने के लिए बना दिया, उसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि उसे किसने नियुक्त कराया है उसकी भी कार्य प्रतिष्ठा पर जाट समाज ने सवाल उठाया है। यहां तक बताया जा रहा है कि उक्त व्यक्ति ने मंगलौर उप चुनाव से भाजपा प्रत्याशी को भी गुमराह किया और समाज के नाम को बदनाम किया।
