ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी (विशेष कर्तव्य अधिकारी) समेत 8 लोगों पर सरकारी टेंडर दिलवाने का झांसा देकर कर दिल्ली के कारोबारी से लाखों रुपए की ठगी करने का आरोप लगा है। पीड़ित की तहरीर पर पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ देहरादून नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। इस गिरोह पर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों के व्यापारियों से करोड़ों रुपए ठगने का आरोप लग चुका है, जिसमें नगर कोतवाली पुलिस जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने वाली है।
दरअसल, माणिक खुल्लर निवासी नई दिल्ली ने इस मामले में पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि उनका परिचित आशु मोरे दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में एएसआई चालक के पद पर तैनात है। आशु ने अंजेनिला मोरे, शिवम् वत्स, सौरभ वत्स, नंदनी वत्स, करणवीर, शाहरुख खान और मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी पीसी उपाध्याय के साथ मिलकर पीड़ित को सरकारी टेंडर चिकित्सा कीटों के दिलाने का झांसा दिया था।
आरोपी सौरभ वत्स ने खुद को उत्तराखंड सरकार के प्रमुख सचिव का सहायक बताया था। आरोपियों ने पीड़ित को कहा था कि वह ऑफलाइन टेंडर दिला सकते है, जिसके उन्हें शुरुआत में 30 लाख रुपए का निवेश करना होगा. इसके बाद राज्य के सभी 13 जिलों डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपए का टेंडर मिलेगा, जिसका कुल मूल्य 19 करोड़ 50 लाख रुपए होगा।
इसके बाद पीसी उपाध्याय ने पीड़ित के साथ सचिवालय में बैठक की और टेंडर देने के लिए कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए। इस टेंडर के नाम पर मार्च 2023 में पीड़ित से कुल 48 लाख रुपए ले लिए गए। उसके बाद टेंडर मिलने में देरी हुई तो आरोपियों ने एक ओर टेंडर सोलर स्ट्रीट लाइट सप्लाई का लालच दिया गया। इसके लिए भी लाखों रुपए लिए गए। इसी तरह पीड़ित से कुल आरोपियों ने 70 लाख रुपए की ठगी की।
पीड़ित माणिक खुल्लर की शिकायत के आधार पर आशु मोरे, अंजेनिला मोरे, शिवम् वत्स, सौरभ वत्स, नंदनी वत्स, करणवीर, शाहरुख खान और पीसी उपाध्याय के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ पहले में भी मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें कुछ मामलों में जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। – चंद्रभान अधिकारी, कोतवाली नगर प्रभारी
————————
एक साल पहले यानि 14 मार्च—2024 को
सरकारी अस्पतालों में दवाई का फर्जी टेंडर दिलाने वाले मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस पीसी उपाध्याय और उसके सहयोगी सौरव वत्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पीसी उपाध्याय को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सौरव वत्स को राजस्थान की भीलवाड़ा पुलिस ने वहीं एक मुकदमें में गिरफ्तार किया था।
मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस पीसी उपाध्याय समेत 6 लोगों पर देहरादून की नगर कोतवाली में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने बताया कि बीती 9 मार्च—2024 को रामकेवल प्रॉपराइटर जे आर फार्मास्युटिकल प्लॉट सिडकुल हरिद्वार ने मुख्यमंत्री के पूर्व पीएस प्रकाशचन्द्र उपाध्याय समेत सौरभ वत्स, नंदनी वत्स, महेश माहरिया, सोनक माहरिया और शाहरुख खान के खिलाफ तहरीर दी थी।
शिकायतकर्ता ने सभी लोगों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में दवाई सप्लाई का टेंडर दिलवाने के नाम पर फर्जी और कूटरचित फर्जी दस्तावेज तैयार कर पीड़ित से करीब 52 लाख रुपए की ठगी की। तहरीर के आधार पर देहरादून नगर कोतवाली में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया था कि पीड़ित की मुलाकात सौरभ शर्मा उर्फ सौरभ वत्स से हुई थी। सौरभ ने पीड़ित को कहा था कि वो उन्हें सरकारी हॉस्पिटलों में दवाई का टेंडर दिलावा देगा, इसके लिए वो पीड़ित को उत्तराखंड सचिवालय में पीसी उपाध्याय के पास लेकर गया।
आरोप है कि पीसी उपाध्याय और सौरभ वत्स ने फर्जी सूचना मैमो जारी कर अलग-अलग मदों में खर्च होने वाली कुल 51,74,440 रुपये की राशि के फर्जी बिल बनाकर राम केवल को दिये थे। इन बिलो पर सौरभ वत्स के हस्ताक्षर थे, जिसको देखकर रामकेवल को यकीन हो गया था कि टेंडर उसके नाम से जारी हो गया है। इसके एवज में आरोपियों ने रामकेवल से कुल 51,74,440 रुपये अलग-अलग तरीके से ठग लिये थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *