जोगेंद्र मावी, ब्यूरो
रक्षक ही भक्षक होने लगे हैं। मामले निपटाने या कार्रवाई के नाम पर रिश्वत लेते हुए दो एएसआई पकड़े गए हैं।
केस— 01
पलवल में विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई करते हुए महिला ASI को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी ASI ने दहेज उत्पीड़न के केस में आरोपी के परिजनों को केस से बाहर निकालने के लिए रिश्वत की मांग की थी। ASI के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हो जाने के बाद विजिलेंस ने महिला ASI के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
दहेज के केस में मांगी थी रिश्वत
जानकारी के अनुसार, पूरा मामला कमरावली गांव का है। दरअसल कमरावली गांव के सरपंच प्रतिनिधि मनोज बैंसला के दोस्त बनवारी लाल के साले ने रोहताश ने होडल की रहने वाली महिला से लव मैरिज की थी। शादी के बाद महिला ने अपने पति रोहताश और ससुराल वालों के खिलाफ साल 2024 दिसंबर में दहेज का केस दर्ज करा दिया था। इस मामले की जांच करने की जिम्मेदारी महिला थाना की एएसआई जगवती को सौंपी गई थी
मनोज बैंसला ने रोहताश के परिवार के समर्थन में मामले की जांच करने के लिए कहा था। मनोज कुमार ने दी गई शिकायत में बताया कि ASI जगवती ने रोहताश के परिवार को इस मामले से बाहर निकालने के लिए 1 लाख रुपए की मांग की थी। जिसके बाद जगवती को 13 फरवरी को 1 लाख रुपए दे दिए गए थे। इसके बावजूद भी जगवती ने फिर से 50 हजार रुपए मांगे। जगवती की लगातार रिश्वत की मांग से परेशान होकर मनोज ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी
मामले के बारे में पता लगने पर विजिलेंस टीम ने ASI को रंगे हाथ पकड़ने के लिए प्लान बनाया। टीम नेशनल हाईवे-19 पर रसूलपुर चौक पर पहुंच गई। जगवती ने जब टीम को देखा तो उसने भागने की कोशिश की। जगवती ने अपनी कार को अलावलपुर चौक की तरफ दौड़ा दिया। लेकिन टीम ने उसकी कार को चारों ओर से घेर लिया और टीम ने अलावलपुर चौक से जगवती को 20 हजार की रिश्वत समेत गिरफ्तार कर लिया। आगे की कार्रवाई के लिए टीम आरोपी ASI को अपने साथ फरीदाबाद ले गई है। टीम इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।
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केस — 02
हरियाणा पुलिस के एएसआई ने 15000 रुपये के लिए अपना ईमान बेच दिया। एंटी करप्शन ब्यूरो ने उसे 15000 रुपए की रिश्वत लेते हुए ए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी एएसआई का नाम महेंद सिंह हैं और वो जींद जिले में सदर पुलिस स्टेशन में तैनात था। आरोपी एएसआई मुकदमे में कार्यवाही करने के लिए पैसे मांग रहा था। एंटी करप्शन ब्यूरो को पीड़ित ने मामले की शिकायत दी। एसीबी ने पीड़ित को पैसे देकर भेजा। जैसे हुई आरोपी एएसआई ने पीडि़त से पैसे लिए एसीबी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
आठ-नौ लोग आए और उन पर हमला कर दिया
गांव मनोहरपुर निवासी पवन ने एसीबी करनाल को दी शिकायत में बताया कि दो मार्च की रात को वह और उसका भाई सागर तथा मजदूर प्रिंस खेत में सोए हुए थे। तभी बाइकों पर सवार होकर आठ-नौ लोग आए और उन पर हमला कर दिया। जिसमें सागर और वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान हमलावर युवक उसके पास मौजूद 12 हजार 600 रुपए की नकदी लेकर फरार हो गए। हमलावरों में एक की पहचान प्रदीप के रूप में हुई। जिसके साथ बरसाना गांव का छोटा भी था।
गिरफ्तारी करने की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था
पुलिस ने इस मामले में प्रदीप सहित अन्य के खिलाफ मारपीट करने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया था। एएसआई महेंद्र मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा था और आरोपितों की गिरफ्तारी करने की एवज में 15 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। जिस पर करनाल विजिलेंस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए टीम का गठन किया। शिकायतकर्ता द्वारा एएसआई महेंद्र को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू कर लिया।

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